Ayatul Kursi in Hindi
अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
न उसको ऊंघ आती है न नींद
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है
बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है
Ayatul Kursi in Urdu & Arabic
1. اللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ الۡحَـىُّ الۡقَيُّوۡمُ
अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवल-हय्युल-कय्यूम,
अल्लाह! उसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं हमेशा जिंदा रहने वाला, वह जो मौजूद सभी को बरकरार रखता है, और उसकी हिफाज़त करता है।
2. لَا تَاۡخُذُهٗ سِنَةٌ وَّلَا نَوۡمٌؕ
ला ताखुजु-हु-सिनतुन वला नौम,
न तो उसे ऊंघ आती है और न ही नींद।
3. لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الۡاَرۡضِ
लहु मा फिस-समावाती वमा फिल-अर्ध,
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ जमीन में सब उसी का है।
4. مَنۡ ذَا الَّذِىۡ يَشۡفَعُ عِنۡدَهٗۤ اِلَّا بِاِذۡنِهٖؕ
मन ज़ल-लज़ी यशफउ इंदहु इल्ला बिइज़निह,
कौन है जो उसकी इजाजत के बगैर उसके पास सिफारिश कर सके?
5. يَعۡلَمُ مَا بَيۡنَ اَيۡدِيۡهِمۡ وَمَا خَلۡفَهُمۡۚ
यालमु मा बैना ऐदीहिम वमा खलफहुम,
वह जानता है कि दुनिया में उनके साथ क्या होगा और आख़िरत में उनके साथ क्या होगा।
6. وَلَا يُحِيۡطُوۡنَ بِشَىۡءٍ مِّنۡ عِلۡمِهٖۤ اِلَّا بِمَا شَآءَ
वला युहीतूना बिशैइम-मिन इल्मिही इल्ला बिमा शाअ,
और वे उसके इल्म में से किसी भी चीज़ को घेर नहीं सकते सिवाय उसके जो वह चाहे।
7. وَسِعَ كُرۡسِيُّهُ السَّمٰوٰتِ وَالۡاَرۡضَ
वसिआ कुर्सीय्युहुस-समावाती वलअर्द,
उसका अर्श (सिंहासन) आसमानों और जमीन पर फैला हुआ है,
8. وَلَا يَـــُٔوۡدُهٗ حفۡظُهُمَا
वला यऊदुहु हिफजुहुमा,
और वह उनकी रखवाली मे कोई थकावट महसूस नहीं करता है।
9. وَهُوَ الۡعَلِىُّ الۡعَظِيۡمُ
वहुवल-अलिय्युल-अज़ीम।
और वह सबसे बुलंद और अजमत वाला है।
Ayatul Kursi in Hindi की फजीलत और फायदे [हदीस]
1. अबू हुरैरा (रजि अल्लाह अन्हु) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जो कोई भी शख्स हा मीम अल-मु’मिन को – उसके लिए वापसी है (40:1-3) तक पढ़ता है और Ayatul Kursi in Hindi को सुबह के वक्त पड़ता है तो वह शाम तक अल्लाह तआला की हिफाजत में रहता है और जो कोई भी शख्स इसे शाम के वक्त पड़ता है तो वह सुबह तक अल्लाह तआला की हिफाजत में रहता है”।
जामिया तिर्मिज़ी 2879
2. मुहम्मद इब्न सिरिन से रिवायत है:
अबू हुरैरा (रजि अल्लाह अन्हु) ने फरमाया कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मुझे रमजान की जकात (यानी जकात-उल-फितर) की जिम्मेदारी दी, एक शख्स मेरे पास आया और दोनों हाथों से जकात का कुछ हिस्सा निकालने लगा मैंने उसे पकड़ लिया और कहा कि मैं उसे रसूलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास ले जाऊंगा।
फिर अबू हुरैरा (रजि अल्लाह अन्हु) ने पूरी रिवायत बयान की और मजीद कहा कि उसने (यानी चोर) ने कहा कि जब तुम अपने बिस्तर पर जाओ तो Ayatul Kursi in Hindi पढ़ लो क्योंकि अल्लाह की तरफ से एक मुहाफिज तुम्हारी हिफाजत करेगा और शैतान सुबह तक तुम्हारे करीब भी नहीं आ सकेगा, इस बात पर रसूलल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम),”उसने तुमसे सच कहा, हालांकि वह झूठा है, और वह (चोर) खुद शैतान था।”
सहीह बुखारी 3275
3. इब्न अल-असका से रिवायत है:
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) मुहाजिरों के पास उनके घर तशरीफ लाए तो एक आदमी ने आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से पूछा: कुरान की सबसे बड़ी आयत कौन सी है? तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने जवाब दिया: “अल्लाह! उसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं हमेशा जिंदा रहने वाला, वह जो मौजूद सभी को बरकरार रखता है, और उसकी हिफाज़त करता है। न तो उसे ऊंघ आती है और न ही नींद (यानी Ayatul Kursi in Hindi)।”
सुनन अबी दाऊद 4003
4. अब्दुल्लाह इब्न मसूद (रजि अल्लाह अन्हु) से रिवायत है:
“अल्लाह ने न आसमानों में और न ही जमीन में आयतुल कुर्सी से ज्यादा शानदार चीज पैदा की है।” सुफ़ियान ने कहा: “क्योंकि Ayatul Kursi in Hindi अल्लाह का कलाम है, और अल्लाह का कलाम अल्लाह के आसमानों और जमीन की तकनीक से बढ़कर है।”
जामिया तिर्मिज़ी 2884
5. अबू उमामा (रज़ि.) से रिवायत है:
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जिसने हर फर्ज नमाज के बाद Ayatul Kursi in Hindi पढी, उसे जन्नत में दाखिल होने से मौत के सिवा कोई चीज नहीं रोक सकती।”
[अन-नसाई ने रिवायत किया है, और इब्न हिब्बान ने इसे सहीह करार दिया है।]