महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखें(Mahilao ki Suraksha ke liye Patra – Letter in Hindi) : महिलाओं की सुरुक्षा आज के इस युग में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जरूरत और मुद्दा है| हम सभी बखूबी इस बात से अवगत है की महिलायें हमारे इस आज के समाज में कितनी सुरक्षित हैं और कितनी नहीं| किन- किन अलग-अलग प्रकारों से उनका शोषण ये समाज करता है| परन्तु महिलायें किसी से कम थोड़े ही हैं| आज महिलायें पुरुषो के कंधे से कन्धा मिलाकर हर क्षेत्र में काम पर लगी हुईं हैं| चाहे वह खेल क्षेत्र हो, अधिकारिक कार्यों मे, या कोई सामाजिक कार्य हो|
अपने आप को वह अशुरक्षित महसूस करती हैं यह बात हमारे समाज के लिए कोई सम्मानजनक बात नही है| महिलायें हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं, और यह बात हम झुठला नही सकते हैं| हमारे घरों के काम खत्म नही हो पाते महिलाओं के बिना वे एक दिन घर पर न हो तो , तभी उनकी कीमत हमें मालुम पड़ जाती है| औरतों बच्चियों का जो सुरक्षा स्तर है वो दिन प्रतिदिन घटता ही चला जा रहा है| और यह बहुत ही गंभीर विषय है|
इस पर हमारी सरकार और प्रशासन स जुड़े सभी अधिकारियों को सोच- विचार करने की बहुत आवश्यकता है| यदि इस विशेष मुद्दे पर जल्द ही कोई कठोर कदम नहीं उठायें गये तो परीस्तिथि और भी बिगड़ सकती है |
महिलाओं की सुरक्षा के विषय में समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए (Mahilao ki Suraksha ke liye Patra)
सेवा में,
श्रीमान संपादक जी,
नवभारत टाइम्स [समाचार पत्र का नाम जिसके संपादक को आप पत्र लिख रहें हो|]
नई दिल्ली|
विषय – महानगरों में महिलाओं की सुरक्षा के विषय में संपादक को पत्र।
माननीय संपादक महोदय जी,
मै पालम [आपके स्थान का नाम] क्षेत्र की निवासी हूँ| मेरा नाम भूमि चौधरी है| मै पिछले आठ वर्षो से इस स्थान पर रहती हूँ| हमारे क्षेत्र की क़ानून व्यवस्था की हालत बहुत खस्ता [कमजोर] होती हुई दिखाई दे रही है| कोई भी व्यक्ति कानूनों का कोई पालन नहीं करते बल्कि उनका हनन करने पर तुले हुए होते हैं| असमाजिक तत्वों में बढ़ोत्तरी होती हुई ही नज़र आ रही है| सबसे अचंभित करने वाली बात यह है की प्रशासन और कानून व्यवस्था का ध्यान इस ओर है ही नही| क्या हमारी कानून व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है|
हम सभी को महिलाओं की सुरक्षा की तरफ़ बहुत कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है| जिससे वह इस समाज में स्वयं को सुरक्षित महसूस करें| महिलायें हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण/ विशेष स्थान रखती हैं| उन्हें उनके हिस्से की स्वतंत्रता, सम्मान बिना किन्ही नियमो और शर्तो के मिलनी चाहिए|
यह सफलतापूर्वक तभी संभव हो पायेगा जब हमारी कानून व्यवस्था कुछ कड़े कदम उठाएगी इन मुद्दों के प्रति| महिलायें अपने आप को सुरक्षित महसूस करे यह जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर हम सभी समाज में रहने वाले लोगो की भी होती है|
इस पत्र के माध्यम से मै चाहती हूँ की आप एक बड़े स्तर पर इस मुद्दे को हमारे समाज के सामने रख सकें| और इस पत्र के माध्यम से कानून प्रशासन भी कुछ कड़े कानूनों को जारी करेंगे, और ऐसे मुद्दों पर जल्द कार्यवाही भी करेंगे|
इस समाज की एक जिम्मेदार नागरिक|
भूमि चौधरी
पालम,दिल्ली-65
महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी एवं उसके प्रति समाज में जागरूकता बढाने के लिए समाचार संपादक को पत्र (Mahilao ki Suraksha ke liye Patra)
सेवा में,
श्रीमान संपादक जी,
दैनिक जागरण [समाचार पत्र का नाम जिसके संपादक को आप पत्र लिख रहें हो|]
नई दिल्ली| [आपके शहर का नाम]
विषय – महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी एवं उसके प्रति समाज में जागरूकता फ़ैलाने के लिए संपादक को पत्र|
माननीय संपादक महोदय जी,
इस पत्र के जरिए मै आपको यह बताना चाहता हूँ कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा हेतु सरकार ने बहुत नियम और हेल्पलाइन नंबर सुचारू रूप से जारी किये हैं| जो की किसी कठिन परिस्थिति में उनके बहुत उपयोग आ सकती है| सरकार का यह कदम बहुत ही सराहनीय है| प्रशासन ने वाहनों, दफ्तरों में महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी और सुरक्षित नियम लागू किये हैं जैसे की सी.सी.टी.वी कैमरा वाहनों और दफ्तरों में होने अनिवार्य हैं|
परन्तु यहाँ समस्या यह है की समाज में बहुत से लोग महिलायें इन सुविधाओ से अवगत ही नहीं हैं| और यह बहुत ही निराशा जनक बात है| उन्हें उनसे जुडी सुविधायों के बारे में ही पूरी जानकारी नहीं है| यदि उनसे जुडी सुविधाए उन्हें ही नहीं मालुम होंगी तो उन सभी सुविधाओं का फायदा वे उठा ही नहीं पाएगी|
आशा करता हूँ की इस पत्र को पढ़कर आप इसपर विचार जरूर करेंगे| और अपने समाचार पत्र में इससे जुडी सभी जागरूकता के मुद्दों को एक बड़े समाज के सन्मुख रखेंगे|
इस समाज का एक जिम्मेदार नागरिक|
रजत कुमार|
नई दिल्ली|
महिलाओं को उनके अधिकारों से पूर्ण रूप से अवगत कराने हेतु संपादक को पत्र
सेवा में,
श्रीमान संपादक जी,
दैनिक जागरण [समाचार पत्र का नाम जिसके संपादक को आप पत्र लिख रहें हो|]
नई दिल्ली| [आपके शहर का नाम]
विषय – महिलाओं को उनके अधिकारों से पूर्ण रूप से अवगत कराने हेतु पत्र|
हमारे समाज में बढ़ते अपराधों की संख्या को ध्यान में रखते हुए ही मैंने ये पत्र आपको लिखा है| इनकी सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए हमें बहुत जल्दी इस विषय पर ध्यान देने की जरुरत है| और उससे भी ज्यादा हमें इस विषय पर ख्याल रखने की जरुरत है महिलायें अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूक भी हो और परिचित उन्हें मालूम हो अपने अधिकारों का किस प्रकार इस्तेमाल करना है|साथ ही किस प्रकार से सरकार और प्रशासन द्वारा दिए गए अधिकारों का हनन भी होता है|
मै आपसे यह आग्रह करता हूँ की अपने प्रसिद्ध समाचार पत्र में आप इससे जुड़ा एक लेख लिख कर महिलाओं के एक बहुत बड़े तबके को उनके अधिकारों से परिचित करवाएं|
इस समाज का एक जिम्मेदार नागरिक|
मोहित कुमार|
नई दिल्ली|
दिल्ली- 85
महिला सुरक्षा से जुड़े कुछ विशेष बिंदु:-
- महिलाओ को अपनी आत्मरक्षा के लिए लिए इसकी ट्रेनिंग भी देनी चाहिए| जिससे की वह स्वयं ही अपनी सुरक्षा कर पाए| उसे किसी का इंतज़ार करने की जरुरत हो ही न न ही किसी से मदद लेने की आवश्यकता हो|
- इस समाज में महिलायें सुरक्षित नही है यह ख्याल उनके मन में होना ही नहीं चाहिये जिससे की वह किसी प्रकार से भी कहीं आने जाने, अपने पहनावे और समय की पाबंदियों के चलते अपना मन न मारे ना ही किसी तरह का समायोजन (Adjustment) करने के लिए विवश हो|
- हमारे समाज में महिला केवल एक या दो रूपों में शोषित नहीं होती वह रुढ़िवादी सोच, पुरषों के विभिन्न वर्गों और विचारों से प्रभावित और शोषित महसूस करती हैं|
निष्कर्ष:- इस जानकारी द्वारा हम संपादक को महिलाओं से जुड़े जरूरी मुद्दों पर पत्र कैसे लिखते हैं वह बताया है| आशा करते हैं, यह जानकारी आपके उपयोग आए| और विशेष कर महिलाओं को इससे मदद मिलें|